रिज़्क़ में कुषादगी (बढ़होत्री) चाहते होतो इस क़ुरआन की आयत को रोजाना फजर के बाद 11 मर्तबा पडे
"अल्लाहु यबसुतुर्रीज़क़ लिमेयशाउ मिंन इबादीही व्यक़्दिरुलह,इंन्नलल्लाह बिकुल्लि शैईं अलीम "
रिज़्क़ में कुषादगी (बढ़होत्री) चाहते होतो इस क़ुरआन की आयत को रोजाना फजर के बाद 11 मर्तबा पडे
"अल्लाहु यबसुतुर्रीज़क़ लिमेयशाउ मिंन इबादीही व्यक़्दिरुलह,इंन्नलल्लाह बिकुल्लि शैईं अलीम "
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